एक रहस्य, जीतने का। आपको जरूर जानना चाहिए!


एक रहस्य, जीतने का
Secret For Wining


जरा सोचिये, हर इंसान इस दुनिया में दो हाथ दो पैर लेकर पैदा होता है सभी को ईश्वर ने दो हाथ और दो पैर दिया है। साथ ही सोचने समझने के लिए दिमाग दिया है, बुद्धि दिया है, यही बात है कि हम पशु से अलग जीव है। जो कुछ भी करने में सक्षम है।

पर बात यहीं पर खत्म नहीं होती है हमारी ख्वाहिशे बहुत बड़ी-बड़ी होती हैं, हम कुछ बड़ा हासिल करना चाहते हैं। जो है उससे संतुष्ट नहीं होते और यही इंसानी फितरत है और होना भी चाहिए । नहीं तो हम और हमारी आने वाली पीढ़ी कैसे विकास करेगी ?


आज हम जिस पोजीशन पर हैं। हमने जो भी हासिल किया है। अब जो इंटरनेट और मेकैनिज्म का जो युग चल रहा है । वह इसी ख्वाहिशों की देन है।
इसी दौर में हम में से से बहुत सारे लोग हैं, जो मेहनत तो बहुत करना चाहते हैं पर उनका शरीर साथ नहीं देता है। और जहां पर दिमाग साथ देता है वहां पर शरीर साथ नहीं देता है।
उदाहरण के लिए मैं आपको समझाता हूं,

आपका शरीर साथ दे सकता है।
आपका शरीर स्वस्थ है, तंदुरुस्त है, आप कहीं भी घूम फिर सकते हैं,  जर्नी कर सकते हैं, पैदल चलने की भी क्षमता रखते हैं। पर आप का दिमाग यह कहता है कि अभी क्या जल्दी है ? आराम कर लो, अरे बहुत दूर चलना है, या फिर अरे यार यह काम बहुत कठिन है या फिर अगर मैं नहीं चल पाया  तो?

दिमाग बुरी या फालतू चीजों पर पहले लगता है । आपका दिमाग आपको इंटरटेनमेंट करना चाहेगा । आपका दिमाग कहेगा मूवी देखने चलते हैं। या आपका दिमाग कहेगा दोस्तों के बीच चलते हैं। आपका दिमाग कहेगा कहीं मनोरंजन के लिए कुछ और करते हैं।ऐसे  बहुत प्रकार हैं जहां आपका ध्यान आपको काम से हटा कर दूसरी ओर ध्यान आकर्षित करता है जहां से आपको कुछ भी फायदा नहीं है।  केवल समय की बर्बादी है।

ठीक इसके विपरीत, हमारा दिमाग  तो साथ देता है।
वह चाहता है कि आप बहुत काम करें वह चाहता है कि उस काम को किया जाए और उस पर सफलता हासिल किया जाए। सोचता  है कि यह करना कोई कठिन नहीं है क्योंकि ऑलरेडी किसी ने कर दिखाया है । जब किसी कार्य को करके जब कोई बहुत सारे पैसे की आमदनी कर रहा है । अपना नाम रोशन कर रहा है या अपने परिवार की हर प्रकार से देखभाल कर रहा है । कोई अपने बीवी बच्चों की हर इच्छाएं और शौक को पूरा कर पा रहा है तो मैं क्यों नहीं कर सकता । ऐसा दिमाग सोचता है,

पर वहीं पर शरीर को थकान महसूस होती है। शरीर में दर्द या आलस्य  का आभास होता है । लगता है शरीर को आराम की आवश्यकता है । लगता है इस शरीर से और कार्य कराया जाए तो यह बीमार हो जाएगा । शरीर आराम ही चाहता है ।  और वापस यह शरीर दिमाग की सोच को जो कि अच्छा सोच रहा था, अपनी और आकर्षित कर लेता है।

यह क्यों होता है ?
यदि आपके साथ ऐसा होता है तो क्या आप ने सोचा कि ऐसा क्यों होता है?
यह  सोचने का विषय है। और इसके लिए हमें क्या किया जाना चाहिए ? कौन से उपाय किए जाने चाहिए?

तो मेरा अनुभव बहुत आसान सा जवाब पता है। जो मैं आपके साथ शेयर करना चाहता हूं। क्योंकि इसे मैंने अनुभव किया है जो मैं आपको बताने जा रहा हूं । किसी भी कार्य को सफलतापूर्वक पूरा करने के लिए यह जरूरी है कि हमारा शरीर, और दिमाग, दोनों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है । जैसा कि मैंने ऊपर आपको उदाहरण में बताया है। यदि बीमार शरीर या बीमार दिमाग है तो, नकारात्मक बातें हमारे जीवन में आती रहती  है । और अच्छे परिणाम नहीं मिलते है।

पर अगर हमारा शरीर स्वस्थ है, तो हम कुछ भी करने में सफल रहेंगे और शरीर के स्वस्थ होने के साथ-साथ हमारे दिमाग को  भी स्वस्थ्य  होना चाहिए। इससे हमारा दिमाग भी सोच में मजबूत होगा, पॉजिटिव सोचेगा, अच्छा सोचेगा, नेगेटिविटी और पॉजिटिविटी में फर्क कर पाएगा, और उसी के अनुसार हम किसी भी कार्य को सही तरीके से कर पाएंगे ।

क्योंकि विज्ञान भी कहता है कि,  हमारा शरीर पूरी तरह से हमारे दिमाग से संचालित होता है । जिस के दो हिस्से होते हैं एक अवचेतन दिमाग और दूसरा चेतन दिमाग । अवचेतन और चेतन के बारे मे बात करू तो ये दोनों ही हमारे वर्तमान को प्रभावित करते है। और वर्तमान से भविष्य प्रभावित होता है । तो इसलिए जरूरी है कि, शरीर के साथ साथ हमारे मस्तिष्क का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है। और मस्तिष्क के स्वास्थ्य के लिए, आवश्यक है कि हमारे दिमाग में हमेशा अच्छी चीजें आनी चाहिए । और अच्छी चीजें तभी आ पाएगी जब हमारा दिमाग अच्छी चीजों के संपर्क में रहेगा। और दिमाग के संपर्क करने का पहला साधन है आंख, आंख जो देखती है, उसे दिमाग महसूस करता है। कान जो सुनता है उसे दिमाग महसूस करती है । अगला नाक और मुंह। हमारा नाक जो सूंघता  हैं उसे दिमाग महसूस करती है ।  हम जो खाते हैं उसे भी हमारा दिमाग महसूस करती है। और वह देखती है कि इसमें उसका किस प्रकार से मनोरंजन हो रहा है अच्छा या बुरा । तो  अच्छी चीजों की आदत डाल दे ।

उसी प्रकार हमारा शरीर है।
हम अच्छे वातावरण में रहेंगे, अच्छा और शुद्ध सांस ले पाएंगे, ध्यान - योग करेंगे तो हमारा शरीर और मन भी  स्वस्थ रहेगा । संक्रमित नहीं हो पाएगा । साथ ही साथ हम अच्छा खाएंगे, अच्छा पिएंगे, नशीली चीजों से बुरी
चीजों से दूर रहेंगे । ऐसी कोई भी चीजों की ओर हम नहीं जाएंगे जिससे हमारे शरीर के स्वास्थ्य को नुकसान हो । तंबाकू, शराब, गुटका इत्यादि, इस प्रकार की कोई भी चीज किसी भी प्रकार से अपने शरीर के लिए नुकसानदायक हो उससे  1 से 2 कदम नहीं कई कदम दूर रहें।

दोस्तों ! मेरी बातों पर आप यकीन करिए । ऐसा करने से  आपके जीवन में परिवर्तन आने शुरू हो जाएंगे । अगर आपके जीवन में कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा था । आप देखेंगे धीरे धीरे आप के साथ सब कुछ सुधार होता चला जा रहा है ।

प्रकृति के दरवाजे धीरे धीरे खुलते चले जा रहे हैं। समस्याएं तो सबके जीवन में आती हैं, पर वह सारी चीजें आपके पास होंगी, जिसकी आपको आवश्यकता है । आप अपने लक्ष्य को हासिल  कर पाएंगे ।

 अंत में यही सारांश है मित्र ! कि अपने शरीर और दिमाग के स्वास्थ्य का ध्यान रखें । स्वस्थ रहें, मस्त रहें, आर्टिकल पढ़ने के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद !
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