कोरोना Covid-19 काल ने हमें बहुत कुछ सिखा दिया।




प्यारे दोस्तो, पूरी दुनिया में कोरोना ( Covid-19) की वजह से जो Pandemic सिचुएशन चल रहा है, इसकी वजह से ऐसा कोई भी देश नहीं बचा जो इससे प्रभावित ना हुआ हो। कई लोगों ने अपने प्यारे और अपने अजीज को खो चुका है। कई परिवार बिखर चुके हैं। हजारों लाखो लोगों की नौकरियां चली गई हैं और जा भी रही हैं। लोगों का रोजगार ठप हो चुका है। और हमारा देश एक बहुत बड़ी मंदी की ओर अग्रसर हो रहा है। इस बात को भी आप को समझना चाहिए। और इससे बचने का केवल एक ही उपाय है कि आपको समझदारी से काम लेते हुए सुरक्षा के हर उपाय करने चाहिए और सरकार के हर निर्देशों का पालन करना चाहिए।

इसके अलावा दोस्तों! कोरोना की वजह से हमें कई बातें सीखने को भी मिली है। और इससे हमें सबक भी लेना चाहिए।
जरा सोचिए जब लाँक डाऊन शुरु हुआ तो हम 3 से 4 दिनों में ही घर पर रहकर उब गए। आंगन पर टहलने लगे, छतों पर टहलने लगे। फिर भी हमारा समय व्यतीत होना मुश्किल हो रहा था। हम Netflix देखते थे, हम मूवीस देखते थे। हम सीरियल देख लेते थे । कुछ भी Activities कर लेते थे फिर भी, घर हमें काटने को दौड़ता था। हमें लगता था कि काश कहीं बाहर हम निकल पाए और घूम पाए।
2 मिनट के लिए ही सही।
और कभी-कभी तो पुलिस के डंडे भी खा लिए।



आप सोचिए हमारी माताएं और बहनें, भाभियों जो घर पर काम करती हैं। महीनों सालों घर पर रहती हैं। हम कभी उन्हें घुमाने की सोचते भी नहीं। सोचिए, वह कैसे घर पर रहते हैं, कैसे मैनेज करते हैं। इसके बावजूद उनके चेहरे पर खुशियां और हंसी होती हैं और आपकी सेवा में लगे रहते हैं। हमारी सेवा में लगे रहते हैं।

क्या उनको तकलीफ नहीं होती है? जरूर होती है और यह एहसास अब हमें पता चल रहा है।

आप उनके Value समझ गए कि आप के लिये ये लोग क्या-क्या नहीं करते हैं। अपने घर में जो भी माताएं बहने और भाभी हैं। उनके साथ हमेशा प्यार से पेश आएं कभी भी गुस्सेला व्यवहार ना करें। इनकी हमेशा प्रशंसा करें और सम्मान दें।


जिन्हें आप अपना सबसे बड़ा हीरो मानते थे। जो आपके हीरो और हीरोइन हैं। जिन्हें आप बहुत मानते हैं। चाहे वह किसी मूवी का एक्टर क्यों ना हो, चाहे अभिनेत्री क्यों ना हो? चाहे क्रिकेटर हो,
आप अपने आप को उनका सबसे बड़ा फैन बताते हैं। सबसे ज्यादा चाहते हैं आप!
है ना!

पर क्या इस सिचुएशन में कुछ लोगों को छोड़कर किसी ने भी लोगों की मदद के लिए सामने आया?? जवाब है नहीं!
जबकि इनकी करोड़ों की आमदनी है। इनके पास पैसे की कोई कमी नहीं है। फिर भी! किसी के लिए इन्होंने चवन्नी तक मदद नहीं करा। और इनकी जो आमदनी है, उसे आप ही कमा कर के देते हैं। हम ही थियेटर जाते हैं और सिनेमाघरों में उनके लिए खर्च करते हैं।

तो अब, आप अपने जीवन से इन्हें हीरो कहना छोड़ दीजिए। हमारे असली हीरो हैं। हमारे डॉक्टर, स्वास्थ्य कर्मी, सफाई कर्मी, विद्युत कर्मी। असली हीरो तो यही लोग हैं। 

REAL HEROES 


अगर कुछ करना है तो इनके लिए करो, बात तब बनें। 
मैं सेल्यूट करता हूं। मेरे देश के इन जांबाज हीरो को! और कभी भी मुझसे जितना बन पड़ेगा मैं हमेशा इनके लिए आगे रहूंगा। और किसी भी परिस्थिति में जीवन में कभी भी इन लोगों को अपमानित नहीं करूंगा। और ऐसा आप लोगों को भी करना चाहिए।

इतना ही नहीं दोस्तों! इस महामारी के बीच में आपने गौर किया होगा की फैक्ट्रियां बंद होने की वजह से। वाहनों की आवाजाही खत्म या कम होने की वजह से। हमारे पर्यावरण में बहुत बड़ा सुधार आया है। नदियों का पानी साफ हो रहा है। वायुमंडल साफ हो रहा है। 
जो कि खुद हम इंसानों के द्वारा ऐसा कर पाना असंभव था।

वनों के पशु-पक्षी, जीव जंतु भी निर्भय होकर के प्रकृति की ताजी हवा और जीवन का आनंद उठा रहे हैं। 
अब आपको पता चला होगा कि हम इंसान! इस दुनिया को किस तरह से और किस दिशा में ले कर के जा रहे थे। हमारे अगली पीढ़ी का भविष्य हम किस दिशा में ले कर के जा रहे थे।

क्या ऐसा नहीं हो सकता है?? कि अभी पर्यावरण में जितनी शुद्धता हो चुकी है।
इसको हम बरकरार रखकर के चलें और हम अगले जनरेशन को भी ऐसा ही साफ और सुधरा जीवन दे सके। ताकि वह ताजी हवा ले सकें। उनको हम स्वर्ग जैसा धरती देकर जाए।

आपने गौर किया होगा कि जिनके पास समय नहीं होता था। जब आप फोन करते थे तो जवाब मिलता था कि मैं बिजी हूं। मैं बाद में बात करता हूं। फिर कभी दोबारा फोन नहीं आता था। जिनको आपकी सालों तक याद नहीं आई। अब वह आपसे बातें करते हैं, आपको फोन करते हैं। आप का हाल-चाल पूछते हैं।

तो मैं तो यही कहूंगा फ्रेंड! की ऐसे लोगों को टाटा बाय बाय करिए। जिनकी आपको सबसे ज्यादा जरूरत थी, उनके पास आपके लिये समय नहीं था। जिसे आप से मतलब नहीं था। और इतने सालों बाद जब उनके पास कोई काम नहीं है, तो आपको फोन लगा रहे हैं।
आप ऐसे लोगों को इग्नोर मारिए। यह लोग जीवन में कभी भी आपके काम नहीं आ सकते। मैं तो कहूंगा ऐसे लोग किसी के काम नहीं आ सकते।

आपने यह भी गौर किया होगा मित्र, कि हमने अपने भोजन का सही तरीके से उपयोग करना सीखा है। हम अब खाना व्यर्थ नहीं करते हैं। हम सब्जी ब्यर्थ नहीं करते हैं। क्योंकि हम जानते हैं कि अगर आलू प्याज खत्म हो गई तो बाहर बाजार बंद है। मिल पाना मुश्किल होगा। या फिर कुछ समय के लिए दुकान खुल भी रहा है तो बाहर महामारी फैली हुई है। घर पर रहना ही ठीक होगा।
तो यह सब बातों को ध्यान में रखते हुए हम कोशिश करते हैं कि, कम चीजों को ज्यादा से ज्यादा समय तक कैसे चलाया जा सके?

हमने चीजों के महत्व को समझा है। जिसे हम ऐसे ही फालतू और बेवजह फेंक दिया करते थे। पर्याप्त खाने पीने की चीजें बर्बाद हो जाए करती थी। हम कोशिश करते हैं कि ऐसा कम से कम हो।
ऐसा करना देश के चौथे स्तंभ ( किसान व मजदूर) लिए भी आदर की बात है। कि, किसान और मजदूर ऐसे महामारी के समय में भी बीमारी, बरसात, ठंड या धूप की चिंता किए बगैर, कठिन परिश्रम करते हुए अनाज की पैदावार में लगे हुए है। ताकि भविष्य में हमें खाली पेट ना सोना पड़े।

और सबसे बड़ी बात हमने अपने परिवार में लोगों की चिंता करनी शुरू कर दी है। हम उनके स्वास्थ्य का ख्याल रखते हैं। हम ध्यान देते हैं कि किसी को किसी प्रकार की कोई दिक्कत तो नहीं है। परिवार में आपसी प्रेम और सामन्जस्य मजबूत हो रहा है। हम अपने घर में

अपने बीवी बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समय दे पा रहे हैं। हमारे घर पर रहने से हमारे बच्चे कितने खुश रहते हैं! हमारे साथ समय व्यतीत करते हैं। पत्नी कैसे ब्यवहार करती है यह अलग-अलग मैटर है इसे आप ही समझें, पर जो भी हो उसमें आपकी ही भलाई छुपी होती है



मैं तो यही कहूंगा कि आप मित्र और माताएं-बहने जो भी मेरे इस लेख को पढ़ रहे हैं, आप अपने परिवार के हर सदस्य के लिए खास हो। परिवार में खट्टा मीठा होता रहता है। पर फिर भी हम एक दूसरे का ख्याल रखना जानते हैं।
आप सभी से मेरा निवेदन है कि, आप जब भी अगरबत्ती जला कर ईश्वर के समीप जाते हैं यह दुआ जरूर करें। कि, ईश्वर इस कोरोना नामक अंधकार को जल्दी समाप्त करे।
आप सभी अपना ख्याल रखें।
अपने विचार कमेंट में लिखना ना भूलें।

आप लोगों का,
विनोद कुमार
एडमिन,


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