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भाग-दौड़ भरी जिंदगी में सुकून भरा जीवन पाने का शक्तिशाली तरीका क्या है? जान लीजिए।
हमारे जीवन का उद्देस क्या होना चाहिए? यह ऐसा सवाल है जो कभी न कभी आपके मन में जरुर आया होगा। इसके बारे में आपने सोचा होगा और मन ही मन में आपने कोई न कोई जवाब भी दिया होगा। पर आज मैं आपके सामने ऐसा विचार रख रहा हूं जो आपको फिर से विचार करने पर विवश जरूर करेगी। फायदा यह होगा कि आप इस सवाल का ऐसा जवाब खोज पाएंगे जो आपके दिल की गहराइयों को छू जाएगी। आप खुद को एक दिशा दे पाएंगे। जो इस भाग दौड़ की जिंदगी में भी आप ज्यादा सुकून भरा जीवन महसूस करेंगे।,,,,, मेरा वादा है!
[मैं “किसी से” बेहतर करुं क्या फर्क पड़ता है..!
मै “किसी का” बेहतर करूं बहुत फर्क पड़ता है..!!]
इस दुनिया में सभी भगवान की सबसे अनोखी कृति है। सभी यानी जो भी आप देख सकते है और महसूस कर सकते है। पशु, पक्षी, जंगल, धरती, पेड़, पौधे, आसमान आदि सब कुछ अनोखी कृति है। पर हम मनुष्य भगवान की महान कृति है,,, आपको क्या लगता है ? कमेंट में जरूर लिखें।
इस दुनिया में सभी जीव जंतु विशिष्ट है, अनोखे है पर मनुष्य को भगवान ने इन सब से अधिक मूल्यवान बनाया है। हमें अन्य समस्त क्रियाओं के साथ-साथ मन, बुद्धि, विवेक, प्रेम, करुणा, दया आदि गुण दे दिए है जो हमे अन्य प्राणी से महान बनाते है। क्योंकि यदि आप गौर से विचार करेंगे तो पाएंगे कि मनुष्य इन सभी विशिष्ट का भोग कर रहा है। इन सब का आनंद ले रहा है। हर तरह से उपयोग कर रहा है।
हमारे पास बुद्धि है, सामर्थ्य है। योजना बनाने व निर्माण करने की क्षमता है। इन क्षमताओं का प्रयोग हम किसी न किसी उद्देश्य के लिए करते है।
आपको क्या लगता है? आपके पास जो योग्यताएं है वह किस लिए है?,,,, चलिए विचार करते है,,,
धन और संपत्ति एकत्रित करना
अब गौर करने की बात यह है कि वास्तव में हम मनुष्य के पास जो योग्यता है,,, क्या वह सिर्फ इसलिए है कि हम बहुत सारा धन कमाएं, बैंक खाते में बहुत बड़ी रकम हो और बहोत सारी सुख समृद्धि की चीजें एकत्रित करते जाएं?,,,, मेरा जवाब है ,,,,जी हां! सुख सुविधाएं हमारे जीवन के लिए आवश्यक है!,,,,भला कोई कष्ट में क्यों रहना चाहेगा?
समाज में सम्मान पाना और नाम कमाना
हमारे पास जो योग्यता है ,,, क्या वह सिर्फ इस लिए कि हम जीवन में सफल व्यक्ति के रूप में लोगो में पहचाने जाएं और अपना खूब नाम रोशन करें?,,,,मैं कहूंगा,,,, तो इसमें बुराई क्या है! मान सम्मान भरा जीवन तो होना ही चाहिए! भला कोई बिना सम्मान के क्यों जीना चाहेगा?
देश विदेश घूमना
हमारे पास जो योग्यता है,,,, क्या वह इस लिए कि हम देश विदेश घूम सकें? ,,,,जी हां! बिलकुल,,,,हमें दुनिया के बारे में जानना चाहिए, उसे देखना और महसूस करना चाहिए! ,,,, भला कुंवे का मेंढक की तरह क्या रहना!
इस प्रकार अगर विचार किया जाए तो आप पाएंगे कि इन बातों को लेकर बहुत लंबी लिस्ट तैयार हो जायेगी।
सवाल यह है कि इन सारी चीजों के मिल जाने के बाद भी क्या जीवन में खुशी है?,,,शांति है?,,, आनंद है? यदि ऐसा नहीं है तो वह क्या चीज है जो आपके धन, संपदा और वैभव होने के बावजूद भी आपके पास होना चाहिए जो नहीं है। आप अपने आसपास देखेंगे तो पाएंगे कि ऐसे बहुत सारे लोग जो बहुत अमीर व जिनके पास सुविधाएं की सारी चीजें हैं, फिर भी अधिकांश लोग जीवन में खुश नहीं है। उनके बच्चे भी कहीं बाहर खुश रहने के तरीके खोजते फिरते है। कई बच्चे तो नशे का सेवन शुरू कर देते है!
आप समय निकाल कर विचार करिए ऐसा क्यों? कमेंट में मुझे जरूर बताइए।
मूल्यवान जीवन जीने का तरीका कैसा होना चाहिए?
हमारा जीवन का उद्देश्य क्या होना चाहिए कि जीवन जीने में मजा आ जाए ?
हमारा वास्तविक सफलत जीवन जीना क्या है?
वास्तव में देखा जाए तो हम अपने जीवन में कोई भी कार्य, अपने जीवन को बेहतर करने के लिए करते है। और इसके लिए हम रात दिन धन कमाने में लगे रहते है। क्योंकि धन ही एकमात्र ऐसी वस्तु है जो हमारे लिए सारे सुख सुविधाएं की चीजें उपलब्ध करा सकती है। मानव जीवन में:- धन, वैभव, सुख समृद्धि, मान सम्मान, देश विदेश घूमना फिरना आदि सब होना चाहिए जो भी आप जीवन में चाहते है।
पर,,,!
[ईश्वर महान है। आप उस पर विश्वास करने या न करने के लिए पूर्णतः स्वतंत्र हो। हमे अपने जीवन की राहों को चुनने की भी पूरी आज़ादी है।]
पर हमें उसे भी नहीं भूलना चाहिए जिसने हमें इस खूबसूरत दुनिया में भेजा है। कोई तो सत्ता है जिसेको आपको मानना ही पड़ेगा,,, कि उसने ऐसी व्यवस्था बनाई है कि इसी धरती की मिट्टी से आपके शरीर को सम्पूर्ण पोषक मिल रहा है। जो भोजन आप कर रहे हो वह इसी धरती की देन है। भगवान ने ऐसी व्यवस्था विश्व के सभी जीव जंतु के लिए कर रखा है।
इसके साथ ही हमें अन्य समस्त क्रियाओं के साथ-साथ मन, बुद्धि, विवेक, प्रेम, करुणा, दया आदि गुण दे दिए है जो हमे अन्य प्राणी से महान बनाते है। ऐसा क्यों? ,,,,, क्या आपने कभी सोचा?
[रब ने फ़रमाया है ये जहाँ फ़ानी (मिटने वाली) है मरने के बाद तुम्हारे साथ सिर्फ तुम्हारी नेकियाँ ही जाएँगी]
[सूर्य, चन्द्र, बादल, नदी, गाय
और सज्जन - ये हरेक युग में ब्रह्मा ने
परोपकार के लिए निर्माण किये हैं ।]
चलिए बेहतर तरीके से समझते हैं,
सारी सुख सुविधाएं जीवन के बाद यही रह जानी है। इस लिए इन सुख समृद्धि के साथ साथ मनुष्य होने के नाते जिम्मेदारी लेते हुवे, किसी भी समुदाय अथवा क्षेत्र विशेष के लिए आजीवन भलाई (चैरिटी) का कार्य भी करना चाहिए, जिसमें भी आपको विश्वास हो। इससे जीवन और भी ज्यादा आनंद दायक हो जाता है। फिर आप अलग स्तर के व्यक्ति बन जाते हैं। यदि आपको विश्वास न हो तो शुरू में किसी भी जरूरतमंद को उसके मांगे बगैर सौ रूपये ही दे कर देख लो,,,, दिल को अलग सा सुकून मिलेगा!
सेवा भगवान के लिए कहीं भी किसी भी तरीके से की जा सकती है। वर्तमान में धन से सेवा देना सर्वोत्तम है क्योंकी इससे हर सुविधा उपलब्ध हो जाती है।
जब आप पैसे कमाना शुरू करें, चैरिटी भी करना शुरू कर दें, और विशेष दुनिया बनाने के भागीदार बनें।
मेरे मेंटर (Mentor) इस बात को बल देते हैं कि,,, जीवन में धन कमाना तुम्हारे लिए जितना अनिवार्य है, उतना ही अनिवार्य है दान (Charity) करना भी है। अपने परिवार की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करना यह हमारी निजी जिम्मेदारी है। पर यदि आप चैरिटी करते हैं तो यह आपकी अपनी मर्जी और जीवन जीने का तरीका है।
आपके जीवन में चाहे किसी भी परेशानी को ले कर तनाव हो तब भी, परोपकार करना जीवन में खुश रहने का सबसे शक्तिशाली तरीका है। अपनी सामर्थ्य के अनुसार शुरू कर के देखें, आप खुद चमत्कार महसूस करेंगे।
यह जानकारी आपको कैसी लगी अपने विचार आप कमेंट बॉक्स में मुझे अवश्य लिखें। बहुत-बहुत धन्यवाद! आपका दिन शुभ हो!
If you are already in our association, I am very grateful to you, and thank you for believing in me!
2 टिप्पणियाँ
Bahot achha bat hai
जवाब देंहटाएंDeep Knowledge👌 Thanks
जवाब देंहटाएंplease do not enter any spam link in the comment box.